Copyright © 2007-present by the blog author. All rights reserved. Reproduction including translations, Roman version /modification of any material is not allowed without prior permission. If you are interested in the blog material, please leave a note in the comment box of the blog post of your interest.
कृपया बिना अनुमति के इस ब्लॉग की सामग्री का इस्तेमाल किसी ब्लॉग, वेबसाइट या प्रिंट मे न करे . अनुमति के लिए सम्बंधित पोस्ट के कमेंट बॉक्स में टिप्पणी कर सकते हैं .

Jan 20, 2009

बराक की जीत के मायने


एक चीनी कहावत है 'कि आप रोचक समय मे जिए"। और हमारी पीढी इस मायने मे स्पेशल है कि जीवन के विविध पहलूऔ मे परिवर्तन इस एक ही समय मे इतनी तेज़ी से घटित हुए है, कि पिछली ५ पीढीयो ने भी मिलकर इतना बदलाव नही नही देखा, और इस तेज़ रफ़्तार से तो कतई नही।

बाराक ओबामा की जीत भी इसी घटनाक्रम का एक हिस्सा है, और व्यापक अर्थो मे एक बृहतर समाज की सोच मे आए बदलाव को इंगित करती है। कुछ मायनो मे बराक की जीत , बहुत से लोगो की जिनमे अमेरिकी और दुनिया के दूसरे हिस्सों के लोगो की अपनी -अपनी तरह की व्यक्तिगत जीत भी है। और भविष्य के कई दरवाजो को खोलने की एक सामूहिक पहल। एक मायने मे बराक की जीत, भविष्य की यात्रा है, उम्मीद की यात्रा है। पिछले आठ सालों मे जिस डर, अविश्वास और संशय का माहौल खडा हुया, उससे व्यक्तिगत स्तर पर भी, एक बड़े जन समूह की आत्मा पर उसके दाग है। और आम आदमी के लिए बराक की जीत उसी निराशा और हताशा के माहौल मे अपनी
भागीदारी दर्ज करने की है, एक बेहतर कल के सपने के साथ।
अश्वेत और काले, पीले, भूरे, गोरे हर तरह के लोगो के लिए साथ जुड़ने के और एक आपसी विश्वास के नए समीकरण इस चुनाव के बाद से उभरे है। बहुतायत मे स्वेत अमीरीकी लोगो ने पहली बार इतिहास मे ये दर्ज किया है, कि रंगभेद उनके लिए सर्वोपरी नही है। और दूसरे लोग उन पर एक इंसान के बतौर भरोसा कर सकते है। और काले लोगो के लिए, और हाशिये पर खड़े अल्पमत के लोगो के लिए पूरी दुनिया भर मे ये संदेश है कि अलग-थलग रहकर नही सभी के साथ मिलकर, सर्वजन हिताय की सोच से ही रास्ता निकलेगा। रेस और रंग के आधार पर जो लोगो सालो-साल संघर्ष करते रहे है, उनके लिए भी संदेश है कि अब नए सिरे से व्यापक भागीदारी की संभावना अमेरीकी समाज मे बन रही है और इस एतिहासिक क्षण के बेहतर इस्तेमाल के लिए, भी उन सभी लोगो को नए सिरे से सोचना ज़रूरी है।

बराक से जितनी उम्मीद है, तमाम लोगो को, पता नही कितनी फलीभूत होती है, परन्तु एक नेगेटिव माहौल से एक पोजिटिव माहौल ज़रूर बना है। एक लंबा, सामूहिक संघर्ष जो लिंकन के समय शुरू हुया मानवीय अस्मिता का, सब इंसानों की बराबरी का, उसने निसंदेह एक बड़ा मकाम हासिल किया है। और अगर इतनी लम्बी जद्दोजहद हजारो -लाखो लोगो ने इस लंबे समय तक नही की होती तो बराक के लिए और अमेरिका के लिए इस क्षण का आना सम्भव नही था। अमेरिका और दुनिया ने दास प्रथा के उदय से लेकर, नए महादीपों के कोलोनायीजेशन से लेकर, दास-मुक्ती, औघोगिकरण, वैश्वीकरण तक कितने कदम तय किए है, फ़िर भी मानव-मानव के बीच शोषण हर बार रंग बदलता रहा है, और बार बार नए चोले बदला किया है। बराक के आने से भी इन संबंधो मे आमूलचूल परिवर्तन की संभावना नही दिखती पर उम्मीद ज़रूर दिखती है, और इसीलिये बराक की जीत हमारे समय की सबसे बड़ी "म्यथिकलस्टोरी ' भी बनने जा रही है। लंबे समय तक अपने-अपने तरीके से इसे जन जागरण की एक अनूठी मिशाल की तरह समझा जायेगा।

बराक की वजह से नही बल्की बदली हुयी इस सामूहिक मानसिकता के चलते और लोगो की व्यापक भागीदारी के चलते अब उम्मीद की जानी चाहिए की अब फ़िर कभी ट्स्कीगी एक्सपेरिमेंट दुबारा नही होंगे। और ऐसी संभावना हो भी तो लोग मात्र एक हुक्म बजाने के बजाय, और प्रोफेशनल स्वार्थ से ऊपर उठेगे । और तब डेविड एक अकेला डॉक्टर नही होगा, जो मानवता को, अपनी डॉक्टरी से आगे रखेगा. शायद सभी डॉक्टर ऐसे ही होंगे.
काम मिलने के अवसर, सहभागिता के अवसर, और इंसान की तरह सर उठा कर जीने के अवसरों के नए मकाम बहुतायत के लिए खुलेंगे।
औरतों, दलितों, और हाशिये पर खड़े वर्गों से आए लोग सामाजिक पहल का uहिस्सा होंगे। बराक की ही तरह हिलरी, और अलास्का की विवादास्पद गवर्नर पालिन, भी व्यक्तिगत रूप से विशेष होते हुए भी इसी सामाजिक घटनाक्रम का हिस्सा है।
और मार्टिन लूथर किंग का सपना कि भविष्य के लोगो को उनके रंग, शक्लो-सूरत, और किसी भी दूसरे पैमाने से जो उम्होने नही चुना, के बजाय उनके कर्म से, और उनके चरित्र से आँका जायेगा" कई करवटे बदल रहा है हम सब इस रोचक समय के सहयात्री है, और अपने अपने स्तर पर सहभागी भी।

4 comments:

  1. ओबामा कि जीत से एक बात तो जरुर साफ़ हो गयी हैं कि अमेरिका मे भी रंग भेद था और अश्वेत लोग इसके शिकार थे । वो भारतीये लोग जो निरंतर इस बात को कहते आ रहे थे कि अमेरिका मे उनको कोई समस्या नहीं आती हैं जीवन यापन मे वो ग़लत कहते थे । ओबामा कि जीत को अगर अश्वेत कि जीत ना कहा जाता तो लगता कि बदलाव आया हैं । ओबामा के राष्ट्रपति बनने से रंग भेद ख़तम नहीं होगा अपितु बढेगा । व्यापक भागेदारी तभी सम्भव हैं जब सब भूल जाते कि ओबामा अश्वेत हैं लेकिन यहाँ तो सारा इलेक्शन प्रोपोगंडा श्वेत - अश्वेत के बीच मे हो गया हैं । शायद मे ग़लत हूँ पर मुझे नहीं लगता कि कोई फरक आएगा आम आदमी के लिये ।

    ReplyDelete
  2. @Rachna

    Obama's victory for that matter, will not chnage the american history or history of the rest of the world, but has a new promise, a hope for future.

    ReplyDelete
  3. वैचारिक लेख है। अच्छा लिखा।

    इसी विषय पर यहाँ भी कुछ सामग्री देखी जा सकती है-
    http://hindibharat.blogspot.com/2008/11/blog-post_22.html#comments

    ReplyDelete
  4. बहुत बढ़िया लेख ! सही कह रही हैं आप। समय हो तो मेरा यह लेख भी पढ़ें। http://ghughutibasuti.blogspot.com/2009/01/blog-post_21.html
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete

असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।