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May 8, 2010

आग लगो इस केवड़े को ................मेहदी हसन

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5 comments:

  1. मेहदी साहब की आवाज में यह ठेठ राजस्थानी खूब जमा | आभार !

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  2. मेहदी हसन साहब गज़ल गायकी के देवता है. कैसी सरलता-सहजता और कैसी भाव-प्रवणता -- लाजवाब. उनका यह गीत भी शानदार है.

    ’केसरिया बालम’ गीत मैं कम से कम एक दर्ज़न आवाजों में सुन चुका हूं जिनमें अधिकतर बड़े नाम हैं. पर जैसा रूहानी असर राजस्थान-कोकिला अल्लाह जिलाई बाई के गाए गीत में है वैसा और कहीं नहीं .

    हसन साहब को या तो महदी हसन लिखें या मेहदी हसन . उस अनुस्वार की कोई आवश्यकता नहीं है जिसे हम आदतन लगा देते हैं.

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