बराक वाकई एक बड़ी संभावना का नाम है, उनमे प्रतिभा है, साफगोई है, और इस तरह का करिश्मा भी है, जो जन नेताओं मे दुर्लभ होता है। स्वयं बराक को बहुत पसंद करती हूँ। पर उन्हें शांती का नोबेल जिस तरह से दिया गया है, वों मुझे भी हतप्रभ कर गया है। ऐसा लगता है की ये एक अलिखित करार या प्रोमिसिरी नोट पर दिया गया है।
बराक की इन जीतो के मायने समझने मे कम से कम अगले आठ साल तो लगेंगे ही।
"He is an emissary of pity and science and progress, and devil knows what else."- Heart of Darkness, Joseph Conrad
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मिलते जुलते से भाव ?
ReplyDeleteअफ़लातून
Thanks Aflatoonji. Similar thoughts are running in my mind too. But Mr. vadraajan has given a better expression to these thoughts.
ReplyDeleteलगभग आप की जैसी स्थिति!
ReplyDeleteएक वाक्य में कहें तो ,’Giving Obama the Peace Prize right noe is like awarding someone a degree just for enrollling.'-Rileen
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