सिमोन शाहीन, फिलिस्तीनी संगीतकार है, कुछ दो बार सिमोन को रूबरू सुनने का मौक़ा मिला, और अकसर तो होता ये है कि किसी लम्बे, थकाने वाले सफ़र पर निकला जाय और कुछ दिन से ठीक से नींद न मिली हो तो, सिमोन के कम्पोजीशन, धुनों से अच्छा साथी फिर कौन..? सिमोन का अपना एक ग्रुप है जिसमे अधिकतर कुछ ख़ास किस्म के अरबी इंस्ट्रूमेंट की संगत पर रहते है, और एक मुख्य गायक भी कभी कभी होता है, अरबी और वेस्ट्रन क्लासिक म्यूजिक के मिलाप से सिमोन अद्भुत संगीत रचते है, जो कर्णप्रिय होते हुये भी जाने किन किन यात्राओं पर मन उडाये जाता है, और अपनी अरब की मिट्टी की महक बनाए रखता है. . सुनते हुये अकसर तो लगता है, कि मध्य-युग की किसी कथा में भटकते, किसी मेले में, किसी पुराने बग़दाद की गली में, काहिरा के किसी भीड़ भरे रंग बिरंगे बाज़ार में पहुँच गए हो, इस्तांबूल के किसी मेले में भटक गए हो...या कभी कभी भारत के ही किसी शहर में १५वी शताब्दी में चले गए हो. हर बार सिमोन के ग्रुप को सुनते हुये संगीत से ज्यादा इन अचीन्ही, अपहचानी दुनिया में भटकना होता है, कुछ अजनबीयत के बीच बेख़ौफ़ घूमना होता है, किसी मेले में जैसे कोई खो जाए और घर लौटने और खो जाने की सुध भी न बचे, लगातार जैसे कोई बच्चा चकमक हुया जाय, इस रंग पर, उस रोशनी पर, उस मिठाई पर, और जाने तो किन किन खेल तमाशों पर...
"He is an emissary of pity and science and progress, and devil knows what else."- Heart of Darkness, Joseph Conrad
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परिचय कराने के लिए शुक्रिया।
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