अक्टूबर 2020 में कृषि के इतिहास और विज्ञान पर यह पॉप्युलर सायंस की किताब रास्ट्रीय पुष्तक न्यास, भारत (National Book Trust, India) से प्रकाशित हुई है. इस किताब को लिखते समय मेरी कोशिश रही है कि एक सामान्य हिंदी पाठक के लिए कृषि से सम्बंधित कुछ मोटी-मोटी तथ्यपरक वैज्ञानिक जानकारी, तथा कृषि की टेढ़ी-मेढ़ी ऐतिहासिक यात्रा को आसान भाषा में, बिना तकनीकी शब्दावली में उलझे, लिख सकूँ. इस किताब में कृषि की शुरुआत से लेकर जैव-प्रौद्योगिकी से बनी जी॰ एम॰ (जेनेटिकली मोडिफ़ायड या जीन सँवर्धित) फ़सलों तक के सफ़र का विवरण हैं. पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में औद्योगिक कृषि के मॉडल की गम्भीर समीक्षा शुरू हुई है, और छोटे-बड़े स्तरों पर तरह-तरह के वैकल्पिक प्रयोग शुरू हुए हैं. किताब के अंत में एक संक्षिप्त टीप चुनिंदा नए प्रयोगों पर है. जैसे-जैसे कृषि से जुड़ी नई जानकारियाँ सार्वजनिक होंगी उसी के साथ इस विषय पर आगे लिखती रहूँगी. उम्मीद करती हूँ कि यह किताब मेरी कृषि सम्बंधी लिखत-पड़त के लिए आधार का काम करेगी.
अन्न कहाँ से आता है
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